नवजोत सिंह सिधु भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज है. उसके बाद सिधु कही रियलिटी शो में जज के तोर भी भूमिका निभाई है और पिछले कुछ सालो से राजनीती में भी अपने कदम बढ़ाये है.

अगर क्रिकेट करियर की बात करेतो नवजोत सिंह ने 51 टेस्ट में 9 शतक और 14 अर्धशतक से 3202 रन बनाए है और ODI में 136 मैचों में 6 शतक और 33 अर्धशतक से 4416 रन बनाये थे.
दरअसल ऐ पूरा मामला साल 1988 का है जब नवजोत सिंह सिधु की एक आदमी के साथ पार्किंग से लेकर लड़ाई हो गयी थी. इस बहस में सिधु ने मारपीट की थी और फरार हो गए थे. जब पीड़ित को अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने मृतक जाहिर कर दिया था.
उस समय नवजोत सिंह सिधु भारतीय टीम के स्टार प्लेयर थे. और तब नवजोत सिंह की उम्र सिर्फ 25 साल थी और मृतक का नाम गुरमान सिंह था और उम्र करीबन 65 साल थी. इस पुरे मामले में डॉक्टर ने बताया की गुरमान सिंह की मृत्यु सर पर चोट लगने से हुयी है.

नवजोत सिंह सिधु को हत्या के दोषी मानकर साल 2006 में हाई कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद सिधु ने केस सुप्रीम कोर्ट में दिया और वह भी दोषी मानकर 1000 रूपये का दंड हत्या के केस में सुनवाया था.
गुरमान सिंह के परिवार ने फिरसे सुप्रीम कोर्ट में फाइल दाखल करवाई जिसके बाद कोर्ट ने फैसला बदलकर सिधु को 1 साल की जेल की सजा दी थी. 2004 में सिधु राजनीती में आ चुके थे और वह 2004 का इलेक्शन भाजप की और से जित चुके थे बादमे सिधु को 2009 में भी जित मिली. लेकिन जनुअरी 2017 में सिधु ने भाजप में इश्तिफा देकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.

अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पुरे मामले में फिरसे सिधु को 1 साल की सज्जा सुनवाई है और पंजाब पुलिस से मिल रही सुरक्षा को भी वापस लेने का आदेश दिया है.
नवजोत सिंह को पटियाला शहर की सबसे सुरक्षित जेल में ही रखा जायेगा. लेकिन एक बड़ी खबर यह आ रही है की वहा पर उसी जेल में सिधु के अबसे ज्यादा विरोधी नेता विक्रम मजीठिया भी ड्रग केस में अंदर है. अगर सिधु को पटियाला जेल में रखा जाता है तो शायद उसका सामना मजीठिया से हो.